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जिंदगी जीने के लिए

अनुभूति
अनुभूति
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बॉलीवुड की बॉम्ब के रुप में मशहूर एक अभिनेत्री ने अपने आपको घायल कर लिया. इलाज के लिए वह अपने प्लास्टिक सर्जन के पास पहुँची. सर्जन ने देखा कि अभनेत्री के हाथ में एक गोलाकार छेदनुमा घाव हो गया था जो प्रत्यक्षतः किसी आग्नेयास्त्र से चली गोली के कारण हुआ था. डॉक्टर ने कहा कि इलाज तो वह कर देगा, परंतु, चूंकि यह पिस्तौल से चली गोली के कारण हुआ घाव है अतः ऐसे केसेस को वह पुलिस को रिपोर्ट अवश्य करेगा, – वह किसी लफड़े में फंसना नहीं चाहता.
अभिनेत्री ने डॉक्टर से निवेदन किया कि वह ऐसा बिलकुल नहीं करे नहीं तो उसका सारा कैरियर खतम हो जाएगा. वह बेमौत मर जाएगी.
डॉक्टर को थोड़ा तरस आया. उसने पूछा – पर आखिर हुआ क्या था? जब तक इस किस्से के बारे में मैं जान न लूं, मैं ऐसा कोई वादा नहीं कर सकता.
अभिनेत्री ने बताया – ठीक है, मैं आप पर भरोसा कर सकती हूं. दरअसल मैं आत्महत्या की कोशिश कर रही थी. तो सबसे पहले मैंने पिस्तौल की नाल मुँह में रखी. लिबलिबी दबाने जा ही रही थी कि विचार आया अरे, अभी तो हाल ही में मैंने अपने दाँतों में नए ब्रिज लगवाए हैं, हजारों खर्च कर रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवाया है. उसे मैं खराब नहीं करना चाहती थी. फिर मैंने पिस्तौल अपने माथे पर टिकाई. परंतु तुरंत याद आया कि अभी तो छः महीने भी नहीं हुए थे कि मैंने अपना फेस लिफ़्ट करवाया था और नोज़-जॉब करवाया था. यह तो बरबाद हो जाता. यह सोचकर मैंने पिस्तौल अपनी कनपटी पर टिकाई. परंतु फिर खयाल आया कि जब गोली चलेगी तो आवाज बहुत जोर की आएगी और मेरे कान के पर्दे फट सकते हैं. आखीर में मैंने अपने दिल पर पिस्तौल टिकाई. गोली चलाने ही वाली थी कि मेरे मँहगे सिलिकॉन इम्प्लांट याद आ गए. फिर मैं क्या करती, गोली मैंने अपने हाथों में ही मार ली.

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